वेद

वेद: सृष्टी के आदिकाल से ही हैं। इन्हे किसी ने लिखा नही है। आज जितना विज्ञान है। वह सब वेदो मे पहले से ही निहित है। नवग्रह विज्ञान ने अब जाकर खोजे लेकिन वह तो वेदो ने हजारो सालो पहले ही है।

उपनिषद्

उपनिषद् महत्त्वपूर्ण श्रुति धर्मग्रन्थ हैं। ये वैदिक वाङ्मय के अभिन्न भाग हैं। इनमें परमेश्वर, परमात्मा-ब्रह्म और आत्मा के स्वभाव और सम्बन्ध का बहुत ही दार्शनिक और ज्ञानपूर्वक वर्णन दिया गया है।

पुराण

'पुराण' का शाब्दिक अर्थ है, 'प्राचीन' या 'पुराना'। पुराण, धर्म-सम्बन्धी आख्यान ग्रन्थ हैं, जिनमें सृष्टि, ऋषियों, मुनियों और राजाओं के वृत्तान्त आदि हैं। भारतीय जीवन-धारा में जिन ग्रन्थों का महत्त्वपूर्ण स्थान है।

श्रीमद्भगवद्गीता

युद्धभूमि में श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जो उपदेश दिया था वह श्रीमद्भगवदगीता के नाम से प्रसिद्ध है। यह महाभारत के भीष्मपर्व का अंग है। गीता में १८ अध्याय और 700 श्लोक हैं।

हमारा उद्देश्य

"वेद, उपनिषद, गीता, भागवत, वेदांत और अन्य ग्रंथों का सार सबको
प्रदान करना कविता संख्या के साथ, हमारा परम उद्देश्य हैं।"